Old Pension Scheme (OPS) भारत में एक महत्वपूर्ण पेंशन योजना है, जिसे 1 जनवरी 2004 को समाप्त कर दिया गया था। इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवा के बाद जीवन भर पेंशन प्रदान करना था। OPS के तहत, कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में मिलता था, जो कि उनके सेवानिवृत्ति के समय निर्धारित किया जाता था। इस योजना का वित्तपोषण सरकार द्वारा किया जाता था और यह एक परिभाषित लाभ योजना (Defined Benefit Scheme) थी।
OPS का इतिहास ब्रिटिश शासन से जुड़ा हुआ है, जब 1924 में ली कमीशन ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन की सिफारिश की थी। इस योजना के अंतर्गत सरकारी कर्मचारी अपने कार्यकाल के दौरान अर्जित वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में प्राप्त करते थे।
हालांकि, 2004 में इसे समाप्त कर दिया गया और इसके स्थान पर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension System – NPS) लागू की गई, जो एक परिभाषित योगदान योजना (Defined Contribution Scheme) है।
पुरानी पेंशन योजना का विवरण
पुरानी पेंशन योजना (OPS) एक ऐसी योजना थी जिसमें सरकारी कर्मचारियों को उनके सेवानिवृत्ति के बाद स्थायी आय सुरक्षा प्रदान की जाती थी। यह योजना उन कर्मचारियों के लिए थी जो 1 जनवरी 2004 से पहले सरकारी सेवा में शामिल हुए थे।
इस योजना के तहत, कर्मचारी अपने कार्यकाल के दौरान अर्जित वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में प्राप्त करते थे, जो उनके मृत्यु तक जारी रहता था।
OPS की मुख्य विशेषताएँ
विशेषता | विवरण |
योजना का नाम | पुरानी पेंशन योजना (OPS) |
प्रभावी तिथि | 1 जनवरी 2004 से पहले नियुक्त कर्मचारी |
पेंशन राशि | अंतिम वेतन का आधा हिस्सा |
वित्तपोषण | सरकार द्वारा |
पेंशन प्रकार | परिभाषित लाभ योजना |
सेवानिवृत्ति की आयु | सामान्यतः 58 वर्ष |
लाभार्थी | सरकारी कर्मचारी |
पेंशन अवधि | जीवन भर |
OPS के लाभ
- स्थायी आय सुरक्षा: OPS ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जीवन भर पेंशन प्रदान की।
- सरकारी वित्त पोषण: यह योजना पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त पोषित थी।
- साधारण प्रशासन: इस योजना का प्रशासन सरल था और इसमें कोई जटिलता नहीं थी।
OPS की कमी
- वित्तीय बोझ: OPS ने सरकार पर वित्तीय बोझ डाला, क्योंकि इसे वर्तमान राजस्व से वित्त पोषित किया गया।
- संविधानिक बदलाव: 2004 में इसे समाप्त कर दिया गया और NPS लागू किया गया।
- निवेश जोखिम: OPS में निवेश जोखिम सरकार पर था, जबकि NPS में यह कर्मचारी पर है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)
2004 में पुरानी पेंशन योजना को समाप्त करने के बाद, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) लागू की गई। NPS एक परिभाषित योगदान योजना है, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान देते हैं। इस प्रणाली में, कर्मचारी अपनी सेवा के दौरान अपने पेंशन फंड में योगदान करते हैं और रिटायरमेंट पर उन्हें उस फंड के आधार पर पेंशन मिलती है।
NPS की मुख्य विशेषताएँ
- परिभाषित योगदान: इसमें कर्मचारी अपनी आय का एक निश्चित प्रतिशत योगदान करते हैं।
- निवेश विकल्प: कर्मचारियों को विभिन्न निवेश विकल्पों का चयन करने का अधिकार होता है।
- लचीलापन: यह प्रणाली अधिक लचीली है और कर्मचारियों को अपने फंड को स्थानांतरित करने की अनुमति देती है।
OPS और NPS की तुलना
नीचे दी गई तालिका में OPS और NPS के बीच मुख्य अंतर दिए गए हैं:
विशेषता | पुरानी पेंशन योजना (OPS) | राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) |
प्रकार | परिभाषित लाभ | परिभाषित योगदान |
वित्त पोषण | सरकार द्वारा | कर्मचारी और नियोक्ता दोनों |
पेंशन राशि | अंतिम वेतन का आधा हिस्सा | निवेश फंड पर आधारित |
सुरक्षा | जीवन भर | रिटायरमेंट पर |
जोखिम | सरकार पर | कर्मचारी पर |
निष्कर्ष
पुरानी पेंशन योजना (OPS) एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना थी, जिसने लाखों सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवा के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान की। हालांकि, वित्तीय दबावों और बढ़ते खर्चों के कारण इसे समाप्त कर दिया गया और इसके स्थान पर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) लागू की गई। NPS ने अधिक लचीलापन और निवेश विकल्प प्रदान किए हैं, लेकिन इसके साथ ही इसमें निवेश जोखिम भी शामिल है।
ध्यान देने योग्य बातें
- OPS ने सरकारी कर्मचारियों को स्थायी आय सुरक्षा दी, जबकि NPS ने अधिक लचीलापन प्रदान किया।
- OPS को समाप्त करने का निर्णय आर्थिक दबावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया था।
Disclaimer: यह लेख पुरानी पेंशन योजना (OPS) और उसके प्रभावों पर आधारित है। यह सुनिश्चित करता है कि पाठक सही जानकारी प्राप्त करें। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि OPS अब लागू नहीं है और वर्तमान में केवल NPS ही मान्य है।