पेंशन पर TDS में बदलाव! FY 2024-25 और AY 2025-26 के लिए नई दरें लागू

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भारत सरकार समय-समय पर टैक्स नियमों में बदलाव करती रहती है ताकि टैक्स प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाया जा सके। हाल ही में, वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY 2024-25) और आकलन वर्ष 2025-26 (AY 2025-26) के लिए पेंशन पर TDS (Tax Deducted at Source) की नई दरें लागू की गई हैं। यह बदलाव पेंशनभोगियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनकी टैक्स देनदारी और मासिक आय पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

यह लेख आपको पेंशन पर TDS से जुड़े नए नियमों, दरों और उनके प्रभाव के बारे में पूरी जानकारी देगा। अगर आप पेंशनभोगी हैं या आपके परिवार में कोई पेंशन प्राप्त करता है, तो यह जानकारी आपके लिए उपयोगी हो सकती है।

TDS का मतलब और पेंशन पर इसका प्रभाव

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TDS यानी Tax Deducted at Source एक ऐसा सिस्टम है जिसमें आपकी आय से पहले ही टैक्स काट लिया जाता है। पेंशन पर TDS का मतलब यह है कि आपकी मासिक पेंशन से पहले ही सरकार द्वारा टैक्स काट लिया जाएगा। यह प्रक्रिया आयकर अधिनियम, 1961 के तहत संचालित होती है।

सरकार ने FY 2024-25 और AY 2025-26 के लिए नई TDS दरों की घोषणा की है, जो कि पेंशनभोगियों की आय और उनके टैक्स स्लैब पर आधारित होगी। आइए इन बदलावों को विस्तार से समझते हैं।

पेंशन पर TDS: FY 2024-25 और AY 2025-26 का ओवरव्यू

नीचे दी गई तालिका में FY 2024-25 और AY 2025-26 के लिए पेंशन पर TDS से जुड़े प्रमुख बिंदुओं का सारांश दिया गया है:

विवरणजानकारी
नया नियम लागू होने की तारीखFY 2024-25 और AY 2025-26
किसे प्रभावित करेगा?सभी पेंशनभोगी
TDS कटौती का आधारआयकर स्लैब
पुरानी दरेंस्लैब के अनुसार
नई दरेंसंशोधित स्लैब के अनुसार
मुख्य उद्देश्यटैक्स प्रणाली को पारदर्शी बनाना
अधिनियम का संदर्भआयकर अधिनियम, 1961

नई TDS दरें: FY 2024-25 और AY 2025-26

सरकार ने FY 2024-25 और AY 2025-26 के लिए आयकर स्लैब में कुछ बदलाव किए हैं, जो कि पेंशनभोगियों पर भी लागू होंगे। नीचे दी गई सूची में नई दरों का विवरण दिया गया है:

व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर स्लैब (60 वर्ष से कम उम्र)

  1. ₹2,50,000 तक की वार्षिक आय: कोई टैक्स नहीं
  2. ₹2,50,001 – ₹5,00,000 तक की आय: 5% टैक्स
  3. ₹5,00,001 – ₹10,00,000 तक की आय: 20% टैक्स
  4. ₹10,00,001 से अधिक आय: 30% टैक्स

वरिष्ठ नागरिकों (60 से 80 वर्ष) के लिए आयकर स्लैब

  1. ₹3,00,000 तक की वार्षिक आय: कोई टैक्स नहीं
  2. ₹3,00,001 – ₹5,00,000 तक की आय: 5% टैक्स
  3. ₹5,00,001 – ₹10,00,000 तक की आय: 20% टैक्स
  4. ₹10,00,001 से अधिक आय: 30% टैक्स

अति वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक) के लिए आयकर स्लैब

  1. ₹5,00,000 तक की वार्षिक आय: कोई टैक्स नहीं
  2. ₹5,00,001 – ₹10,00,000 तक की आय: 20% टैक्स
  3. ₹10,00,001 से अधिक आय: 30% टैक्स

TDS कटौती कैसे होगी?

पेंशनभोगियों की मासिक पेंशन से TDS कटौती उनके कुल वार्षिक वेतन को ध्यान में रखते हुए की जाएगी। अगर आपकी कुल वार्षिक पेंशन कर-मुक्त सीमा (जैसे ₹3 लाख या ₹5 लाख) से कम है तो आपसे कोई TDS नहीं काटा जाएगा।

लेकिन अगर आपकी वार्षिक पेंशन कर-मुक्त सीमा से अधिक है तो निम्नलिखित चरण अपनाए जाएंगे:

  1. आपकी कुल वार्षिक पेंशन का आकलन किया जाएगा।
  2. इसे आपके संबंधित कर स्लैब में वर्गीकृत किया जाएगा।
  3. मासिक आधार पर आपकी पेंशन से TDS काटा जाएगा।

नई दरों का प्रभाव

नई TDS दरों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी करदाताओं को समान रूप से कर प्रणाली का लाभ मिले। इसके अलावा:

  • जिनकी वार्षिक पेंशन कम है उन्हें राहत मिलेगी क्योंकि उनकी कोई कटौती नहीं होगी।
  • उच्च पेंशन पाने वाले व्यक्तियों को अपनी कर देनदारी पहले ही चुकानी होगी।
  • यह प्रणाली कर चोरी को रोकने में मदद करेगी।

क्या आपको कुछ करने की जरूरत है?

अगर आप एक पेंशनभोगी हैं तो आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

  1. अपनी मासिक और वार्षिक पेंशन का आकलन करें।
  2. अपने नियोक्ता या बैंक से संपर्क करें जो आपकी पेंशन जारी करता है।
  3. फॉर्म 15H या फॉर्म 15G भरकर जमा करें अगर आपकी कुल आय कर-मुक्त सीमा के अंतर्गत आती है।
  4. अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) को समय पर दाखिल करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1: क्या सभी पेंशनभोगियों पर TDS लागू होगा?

A1: नहीं। केवल उन्हीं पेंशनभोगियों पर TDS लागू होगा जिनकी वार्षिक पेंशन कर-मुक्त सीमा से अधिक होगी।

Q2: क्या मुझे फॉर्म भरने की आवश्यकता होगी?

A2: हां। अगर आप चाहते हैं कि आपकी पेंशन पर TDS न कटे तो आपको फॉर्म 15H या फॉर्म 15G जमा करना होगा।

Q3: क्या यह नियम सभी प्रकार की पेंशनों पर लागू होगा?

A3: हां। सरकारी और निजी दोनों प्रकार की पेंशनों पर यह नियम लागू होगा।

निष्कर्ष

FY 2024-25 और AY 2025-26 के लिए लागू किए गए नए TDS नियमों का उद्देश्य कर प्रणाली को पारदर्शी बनाना और कर चोरी को रोकना है। हालांकि यह बदलाव कुछ लोगों के लिए जटिल हो सकता है लेकिन सही जानकारी और समय पर कार्रवाई करके आप अपनी कर देनदारी को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं।

Disclaimer:

यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया अपनी व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार किसी वित्तीय सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट से संपर्क करें।

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