बड़ी राहत! पेट्रोल-डीजल के दाम घटे, 8 फरवरी से लागू नई कीमतें देखें! Petrol Diesel Price Drop

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हाल ही में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिली है। यह बदलाव 8 फरवरी 2025 से लागू हो गया है। तेल कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और अन्य आर्थिक कारणों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। इस लेख में हम आपको पेट्रोल और डीजल की नई कीमतों, इनके घटने के कारणों और इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी देंगे।

पेट्रोल और डीजल की नई कीमतें

देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर दिन सुबह 6 बजे अपडेट होती हैं। 8 फरवरी 2025 से लागू नई दरें निम्नलिखित हैं:

शहरपेट्रोल (₹/लीटर)डीजल (₹/लीटर)
दिल्ली94.7287.62
मुंबई103.4489.97
चेन्नई100.8592.44
कोलकाता103.9490.76
बेंगलुरु102.8688.94
हैदराबाद107.4195.65
जयपुर104.8890.36

पेट्रोल-डीजल के दाम घटने के मुख्य कारण

  1. अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट:
    • हाल ही में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी आई है, जिसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा है।
  2. रुपये और डॉलर का विनिमय दर:
    • रुपये की मजबूती ने भी ईंधन की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद की है।
  3. सरकार द्वारा करों में राहत:
    • केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारों ने वैट (VAT) को कम किया है।
  4. तेल कंपनियों का मार्जिन सुधार:
    • तेल कंपनियों ने अपने लाभ मार्जिन को स्थिर रखते हुए उपभोक्ताओं को राहत दी है।

पेट्रोल-डीजल के दाम घटने से लाभ

  • आम जनता को राहत: परिवहन लागत कम होने से दैनिक जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  • मुद्रास्फीति पर नियंत्रण: ईंधन सस्ता होने से वस्तुओं और सेवाओं की लागत भी कम होगी।
  • उद्योगों को बढ़ावा: परिवहन और उत्पादन लागत घटने से उद्योगों को फायदा होगा।

राज्यवार पेट्रोल-डीजल की कीमतें

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नीचे दी गई तालिका में विभिन्न राज्यों में पेट्रोल और डीजल की दरें दी गई हैं:

राज्यपेट्रोल (₹/लीटर)डीजल (₹/लीटर)
उत्तर प्रदेश94.6487.72
महाराष्ट्र104.1390.69
राजस्थान104.3689.88
गुजरात94.5090.17
तमिलनाडु102.0593.65
पश्चिम बंगाल105.5492.31

पेट्रोल-डीजल की कीमतें कैसे तय होती हैं?

  1. कच्चे तेल की लागत:
    • भारत अपनी जरूरत का अधिकांश कच्चा तेल आयात करता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें सीधे भारतीय ईंधन दरों को प्रभावित करती हैं
  2. कर संरचना:
    • केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल पर अलग-अलग कर लगाती हैं, जो कुल कीमत का बड़ा हिस्सा बनता है।
  3. रिफाइनिंग और परिवहन लागत:
    • कच्चे तेल को रिफाइन करने और उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की लागत भी शामिल होती है।
  4. डॉलर-रुपया विनिमय दर:
    • चूंकि भारत कच्चा तेल डॉलर में खरीदता है, इसलिए डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य भी महत्वपूर्ण होता है।

क्या यह गिरावट स्थायी होगी?

हालांकि पेट्रोल और डीजल की मौजूदा कीमतों में गिरावट उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आई है, लेकिन यह पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करती है। अगर कच्चे तेल की कीमतें फिर से बढ़ती हैं, तो ईंधन दरें भी बढ़ सकती हैं।

भविष्य के लिए सुझाव

  1. वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत जैसे इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) अपनाने पर जोर देना चाहिए।
  2. सरकार को कर संरचना सरल बनानी चाहिए ताकि उपभोक्ताओं पर बोझ कम हो।
  3. तेल कंपनियों को पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए।

Disclaimer:

यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोजाना बदलती रहती हैं, इसलिए सटीक जानकारी के लिए स्थानीय पेट्रोल पंप या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।

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