कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95) भारत में संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है। इस योजना का उद्देश्य सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
हाल के दिनों में, ईपीएस-95 पेंशन को लेकर कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए हैं, जिनमें पेंशन में वृद्धि की मांग, सरकार द्वारा विचार और संसद में उठाए गए मुद्दे शामिल हैं। इस लेख में, हम ईपीएस-95 पेंशन से संबंधित नवीनतम समाचारों और अपडेटों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा प्रबंधित कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) भारत की सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा पहलों में से एक है।
यह योजना, जो 16 नवंबर, 1995 को लागू हुई, का उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना है। ईपीएफओ पेंशन में 2025 में वृद्धि की हालिया घोषणा के साथ, सेवानिवृत्त लोग अपनी मासिक पेंशन भुगतान में महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं.
ईपीएस-95 पेंशन योजना का अवलोकन (Overview of EPS-95 Pension Scheme)
पहलू | विवरण |
योजना का नाम | कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) |
शुरुआत वर्ष | 1995 |
संचालनकर्ता | कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) |
उद्देश्य | निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय प्रदान करना |
पेंशन आरंभ आयु | 58 वर्ष |
वर्तमान न्यूनतम पेंशन | ₹1,000 प्रति माह |
प्रस्तावित न्यूनतम पेंशन | ₹7,500 प्रति माह |
ईपीएस पेंशन वृद्धि 2025 का महत्व (Significance of EPS Pension Hike 2025)
केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट 2025 में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और ईपीएस-95 के तहत योगदान के लिए वेतन सीमा को ₹15,000 से बढ़ाकर ₹21,000 करने का प्रस्ताव किया है। इस प्रस्तावित वृद्धि से ईपीएस-95 के तहत पेंशन गणना पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
वर्तमान में, ईपीएस-95 के तहत अधिकतम पेंशन ₹7,500 प्रति माह है, जो इस नई वेतन सीमा के कार्यान्वयन के बाद ₹10,050 तक बढ़ सकती है। इसके अतिरिक्त, ईपीएस-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति (एनएसी) ने सरकार से न्यूनतम पेंशन को ₹1,000 से बढ़ाकर ₹7,500 करने का अनुरोध किया है।
ईपीएस पेंशन वृद्धि 2025 के लिए पात्रता (Eligibility for EPFO Pension Increase 2025)
- कर्मचारी को ईपीएफओ का सदस्य होना चाहिए।
- उन्हें 10 साल की सेवा पूरी करनी चाहिए।
- 58 वर्ष की आयु प्राप्त करनी चाहिए।
ईपीएस-95 पेंशन को लेकर नवीनतम घटनाक्रम (Latest Developments Regarding EPS-95 Pension)
संसद में मुद्दा (Issue in Parliament)
हाल ही में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने लोकसभा में ईपीएस-95 पेंशन का मुद्दा उठाया।
पेंशनभोगियों की मांगें (Demands of Pensioners)
- न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये प्रति माह
- नियमित महंगाई भत्ता (DA)
- मुफ्त चिकित्सा सुविधा
सरकार का रुख (Government’s Stand)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईपीएस-95 पेंशनभोगियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है।
बजट 2025 में बदलाव (Changes in Budget 2025)
बजट 2025 में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के लाभों में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। नियोक्ता के योगदान और कर बचत के लिए अनुमति दी गई है। नई कर व्यवस्था निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों दोनों को प्रभावित करती है.
ईपीएफओ द्वारा किए गए नए बदलाव (New Changes Made by EPFO):
- केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (CPPS): 1 जनवरी 2025 से लागू।
- हायर पेंशन के लिए आवेदन: अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 तक बढ़ाई गई।
सेंट्रल पेंशन पेमेंट सिस्टम (CPPS) के लागू होने से पेंशन की राशि निकालना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान और सुविधाजनक हो गया है। CPPS के तहत अब से EPS पेंशनर्स देश के किसी भी बैंक की किसी भी ब्रांच से अपनी पेंशन की राशि निकाल सकते हैं। इसके लिए किसी एडीशनल वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी। इस बदलाव से 78 लाख से अधिक EPS पेंशनधारियों को लाभ होने की उम्मीद है.
निष्कर्ष (Conclusion)
ईपीएस-95 पेंशन योजना में प्रस्तावित बदलाव भारत के सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। हालांकि, इन बदलावों को लागू करने में कई चुनौतियां हैं, जिन पर सरकार और EPFO को ध्यान देना होगा। समग्र रूप से, ये प्रयास भारत के सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
डिस्क्लेमर:
इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। ईपीएस-95 पेंशन से संबंधित किसी भी निर्णय लेने से पहले, आपको वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना चाहिए। ईपीएस-95 पेंशन में वृद्धि की संभावना है, लेकिन यह सरकार के निर्णय और योजना की वित्तीय व्यवहार्यता पर निर्भर करता है।