मार्च 2025 से SBI, PNB समेत सभी बैंकों में लागू हुए 3 नए नियम! क्या आपका पैसा होगा प्रभावित?

मार्च 2025 से बैंकिंग क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर आम लोगों के बैंक खातों पर पड़ेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने SBI, PNB और अन्य सभी बैंकों के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य बैंकिंग सिस्टम को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और ग्राहक-केंद्रित बनाना है।

इन नए नियमों के तहत, खाताधारकों को अपने KYC विवरण अपडेट करने, न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने और डिजिटल लेनदेन के नए सुरक्षा फीचर्स का पालन करने की आवश्यकता होगी। यह लेख आपको इन बदलावों के बारे में विस्तार से बताएगा और समझाएगा कि ये आपके बैंक खाते और पैसे को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।

New Banking Rules 2025: Overview of Changes

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SBI, PNB और अन्य बैंकों में लागू होने वाले नए नियमों का एक संक्षिप्त विवरण नीचे दी गई तालिका में प्रस्तुत किया गया है:

नियमविवरण
KYC अपडेशनहर 2-3 साल में KYC अपडेट करना अनिवार्य
न्यूनतम बैलेंसशहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए न्यूनतम बैलेंस में वृद्धि
ATM ट्रांजेक्शनमुफ्त लेनदेन की संख्या कम, अतिरिक्त शुल्क में वृद्धि
डिजिटल पेमेंटUPI और ऑनलाइन लेनदेन के लिए नए सुरक्षा फीचर्स
चेक भुगतान₹50,000 से अधिक के चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम अनिवार्य
निष्क्रिय खाते2 साल से निष्क्रिय खातों को बंद करने का प्रावधान
सेविंग्स अकाउंट ब्याजब्याज दर में मामूली वृद्धि
लोन EMIचुकौती में देरी पर जुर्माने में वृद्धि

KYC अपडेशन: नया जरूरी नियम

KYC (Know Your Customer) अपडेशन अब हर बैंक खाताधारक के लिए अनिवार्य हो गया है। RBI के नए दिशानिर्देशों के अनुसार:

  • हर 2-3 साल में KYC विवरण अपडेट करना होगा
  • KYC अपडेट न करने पर खाता फ्रीज या बंद किया जा सकता है
  • ऑनलाइन KYC अपडेशन की सुविधा उपलब्ध होगी
  • आधार कार्ड, पैन कार्ड और पते का प्रमाण जरूरी होगा

यह नियम धोखाधड़ी रोकने और बैंक खातों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए लाया गया है। खाताधारकों को समय-समय पर अपने बैंक से संपर्क करके KYC अपडेट करवाना चाहिए।

न्यूनतम बैलेंस में बदलाव

बैंक खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने के नियम में भी बदलाव किया गया है। अब:

  • शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस ₹3,000 से बढ़कर ₹5,000 हो गया है
  • अर्ध-शहरी क्षेत्रों में यह ₹2,000 से बढ़कर ₹3,000 हुआ
  • ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस ₹1,000 से बढ़कर ₹1,500 किया गया

न्यूनतम बैलेंस न रखने पर पेनल्टी लगाई जाएगी:

  • शहरी क्षेत्रों में ₹50 प्रति माह
  • ग्रामीण क्षेत्रों में ₹25 प्रति माह

यह बदलाव बैंकों की परिचालन लागत को कवर करने के लिए किया गया है।

ATM ट्रांजेक्शन के नए नियम

ATM से पैसे निकालने और अन्य लेनदेन के नियमों में भी बदलाव किए गए हैं:

  • अपने बैंक के ATM से महीने में केवल 5 मुफ्त ट्रांजेक्शन
  • दूसरे बैंक के ATM से महीने में केवल 3 मुफ्त ट्रांजेक्शन
  • इसके बाद प्रति ट्रांजेक्शन ₹20 शुल्क (पहले ₹15 था)
  • दैनिक कैश निकासी की सीमा ₹50,000 तक सीमित

ये नियम डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और ATM उपयोग को optimize करने के लिए लाए गए हैं।

डिजिटल पेमेंट में सुरक्षा बढ़ी

ऑनलाइन बैंकिंग और UPI पेमेंट के लिए नए सुरक्षा फीचर्स जोड़े गए हैं:

  • ₹10,000 से ऊपर के ट्रांजेक्शन के लिए डबल OTP अनिवार्य
  • UPI पेमेंट की दैनिक सीमा ₹1.5 लाख तक सीमित
  • ऑनलाइन शॉपिंग के लिए वर्चुअल डेबिट कार्ड की सुविधा
  • मोबाइल बैंकिंग के लिए बायोमेट्रिक authentication

इन फीचर्स से ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने में मदद मिलेगी और डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित बनाया जा सकेगा।

चेक भुगतान प्रक्रिया में बदलाव

चेक से भुगतान के नियमों में भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:

  • ₹50,000 और उससे अधिक के सभी चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) अनिवार्य
  • चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के माध्यम से सभी चेक का प्रोसेसिंग
  • चेक बाउंस होने पर जुर्माना बढ़कर ₹500 प्रति चेक (पहले ₹100 था)
  • 25 पन्नों की चेकबुक के लिए शुल्क ₹150 (पहले ₹100 था)

ये नियम चेक से होने वाली धोखाधड़ी को रोकने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए लाए गए हैं।

निष्क्रिय खातों पर कार्रवाई

लंबे समय से निष्क्रिय पड़े बैंक खातों के लिए नए नियम बनाए गए हैं:

  • 2 साल से निष्क्रिय खातों को बंद करने का प्रावधान
  • निष्क्रिय खातों पर सालाना ₹500 का रखरखाव शुल्क
  • खाता सक्रिय करने के लिए KYC अपडेट और न्यूनतम बैलेंस जमा करना जरूरी
  • 10 साल से ज्यादा पुराने निष्क्रिय खातों का पैसा RBI के पास ट्रांसफर

इन नियमों से बैंकों को अनावश्यक खातों से छुटकारा मिलेगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा।

सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज दर में बदलाव

बचत खातों पर मिलने वाले ब्याज में मामूली बदलाव किया गया है:

  • सामान्य सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज दर 3% से बढ़कर 3.5% हुई
  • वरिष्ठ नागरिकों को 0.5% अतिरिक्त ब्याज मिलेगा
  • ₹1 लाख से ऊपर की राशि पर 4% तक ब्याज
  • क्वार्टरली ब्याज क्रेडिट की जगह मंथली क्रेडिट की सुविधा

इस बदलाव से खाताधारकों को अपनी बचत पर थोड़ा अधिक रिटर्न मिल सकेगा।

लोन EMI चुकौती के नियम

बैंक लोन की EMI चुकौती के नियमों में भी कुछ बदलाव किए गए हैं:

  • EMI चुकाने में देरी पर जुर्माना ₹250 से बढ़कर ₹500 प्रति माह
  • ऑटो डेबिट के लिए अतिरिक्त शुल्क हटाया गया
  • पूर्व-भुगतान पर पेनल्टी में कमी
  • EMI रीस्ट्रक्चरिंग के लिए नए विकल्प उपलब्ध

इन नियमों से लोन चुकौती प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित किया जाएगा।

बैंक ग्राहकों पर प्रभाव

इन नए नियमों का सीधा असर बैंक खाताधारकों पर पड़ेगा:

  • KYC अपडेट न करने पर खाता बंद होने का खतरा
  • न्यूनतम बैलेंस न रखने पर अतिरिक्त शुल्क
  • ATM से कैश निकासी महंगी होगी
  • डिजिटल पेमेंट के लिए नए सुरक्षा उपाय अपनाने होंगे
  • चेक से भुगतान की प्रक्रिया जटिल होगी
  • निष्क्रिय खातों पर कार्रवाई का खतरा

हालांकि, इन बदलावों से बैंकिंग सिस्टम और सुरक्षित होगा और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा।

बैंक खाताधारकों के लिए सुझाव

नए नियमों के मद्देनजर बैंक खाताधारकों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • समय-समय पर KYC अपडेट करवाएं
  • खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें
  • डिजिटल पेमेंट और UPI का अधिक उपयोग करें
  • ATM से कैश निकासी सीमित करें
  • चेक से भुगतान करते समय सावधानी बरतें
  • खाते को नियमित रूप से सक्रिय रखें
  • लोन EMI समय पर चुकाएं

इन सुझावों का पालन करके आप अपने बैंक खाते को सुरक्षित रख सकते हैं और अतिरिक्त शुल्क से बच सकते हैं।

अस्वीकरण (Disclaimer)

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। हालांकि इसमें दी गई जानकारी विश्वसनीय स्रोतों से ली गई है, फिर भी इसकी सटीकता की गारंटी नहीं दी जा सकती। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

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