अब सीनियर सिटीजन को नहीं भरनी होगी Income Tax Return? जानिए 2025-26 के नए नियम

वित्त वर्ष 2025-26 में सीनियर सिटीजन के लिए आयकर नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन नए नियमों का उद्देश्य बुजुर्गों के लिए टैक्स भरने की प्रक्रिया को सरल बनाना और उनके लिए राहत प्रदान करना है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या वाकई सीनियर सिटीजन को अब Income Tax Return भरने की जरूरत नहीं होगी और 2025-26 के नए टैक्स नियम क्या हैं।

वित्त मंत्री ने बजट 2025 में घोषणा की है कि सीनियर सिटीजन के लिए TDS की सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। इसका मतलब है कि अब 1 लाख रुपये तक के ब्याज पर कोई TDS नहीं काटा जाएगा। यह बदलाव बुजुर्गों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, खासकर उनके लिए जो फिक्स्ड डिपॉजिट पर निर्भर हैं।

Income Tax Rules for Senior Citizens 2025-26

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सीनियर सिटीजन के लिए नए आयकर नियमों का एक संक्षिप्त विवरण:

विवरणनया नियम
TDS की सीमा1 लाख रुपये तक
आयकर छूट सीमा3 लाख रुपये (60-80 वर्ष), 5 लाख रुपये (80+ वर्ष)
ITR भरने की आवश्यकता75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कुछ शर्तों पर छूट
स्टैंडर्ड डिडक्शन50,000 रुपये
धारा 80TTB के तहत कटौती50,000 रुपये तक
स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम कटौती50,000 रुपये तक
नया टैक्स रेजीमकोई अतिरिक्त छूट नहीं

सीनियर सिटीजन के लिए आयकर स्लैब 2025-26

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सीनियर सिटीजन (60-80 वर्ष) के लिए पुराने टैक्स रेजीम के तहत आयकर स्लैब इस प्रकार हैं:

  • 3 लाख रुपये तक – कोई टैक्स नहीं
  • 3 लाख से 5 लाख रुपये तक – 5%
  • 5 लाख से 10 लाख रुपये तक – 20%
  • 10 लाख रुपये से ऊपर – 30%

सुपर सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स स्लैब

80 वर्ष से अधिक उम्र के सुपर सीनियर सिटीजन के लिए आयकर स्लैब:

  • 5 लाख रुपये तक – कोई टैक्स नहीं
  • 5 लाख से 10 लाख रुपये तक – 20%
  • 10 लाख रुपये से ऊपर – 30%

क्या सीनियर सिटीजन को ITR भरने की जरूरत नहीं है?

हालांकि कुछ सीनियर सिटीजन को ITR भरने से छूट मिली है, लेकिन यह सभी के लिए लागू नहीं है। 75 वर्ष से अधिक उम्र के सीनियर सिटीजन को निम्नलिखित शर्तों पर ITR भरने से छूट मिल सकती है:

  • केवल पेंशन और बैंक ब्याज से आय हो
  • एक ही बैंक में खाता हो जहां पेंशन जमा होती है
  • बैंक द्वारा TDS काटा जाता हो

अन्य सभी सीनियर सिटीजन को अपनी आय के अनुसार ITR भरना होगा।

TDS में राहत का फायदा

नए नियमों के तहत, सीनियर सिटीजन के लिए TDS की सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। इसका मतलब है:

  • 1 लाख रुपये तक के ब्याज पर कोई TDS नहीं कटेगा
  • कैश फ्लो में सुधार होगा
  • कम आय वाले बुजुर्गों को राहत मिलेगी

सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स बचत के तरीके

सीनियर सिटीजन अपने टैक्स को कम करने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:

  1. धारा 80C के तहत निवेश: PPF, ELSS, NSC जैसे निवेश विकल्पों में 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर टैक्स बचा सकते हैं।
  2. स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम: धारा 80D के तहत 50,000 रुपये तक की कटौती का लाभ उठा सकते हैं।
  3. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम: इस योजना में निवेश कर अच्छा रिटर्न और टैक्स बेनिफिट दोनों पा सकते हैं।
  4. पेंशन योजनाओं में निवेश: NPS जैसी योजनाओं में निवेश कर अतिरिक्त टैक्स लाभ ले सकते हैं।
  5. बैंक FD में निवेश: सीनियर सिटीजन के लिए विशेष FD योजनाएं होती हैं जो बेहतर ब्याज दर प्रदान करती हैं।

नए टैक्स रेजीम vs पुराना टैक्स रेजीम

सीनियर सिटीजन के लिए नया टैक्स रेजीम और पुराना टैक्स रेजीम दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं:

नया टैक्स रेजीम:

  • कम टैक्स दरें
  • कोई अतिरिक्त छूट या कटौती नहीं
  • सरल स्ट्रक्चर

पुराना टैक्स रेजीम:

  • अधिक छूट और कटौतियां उपलब्ध
  • सीनियर सिटीजन के लिए विशेष छूट
  • टैक्स बचत के लिए अधिक विकल्प

सीनियर सिटीजन के लिए महत्वपूर्ण टैक्स छूट

  1. स्टैंडर्ड डिडक्शन: पेंशन आय पर 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन।
  2. धारा 80TTB: बैंक जमा, पोस्ट ऑफिस जमा और सहकारी बैंक जमा पर मिलने वाले ब्याज पर 50,000 रुपये तक की कटौती।
  3. धारा 80D: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 50,000 रुपये तक की कटौती।
  4. धारा 80DDB: गंभीर बीमारियों के इलाज पर खर्च के लिए 1 लाख रुपये तक की कटौती।

सीनियर सिटीजन के लिए विशेष निवेश योजनाएं

  1. प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY): यह योजना 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए है और 7.40% की गारंटीड रिटर्न दर प्रदान करती है।
  2. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS): यह योजना 8.2% की उच्च ब्याज दर प्रदान करती है और टैक्स बेनिफिट भी देती है।
  3. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS): यह योजना नियमित मासिक आय प्रदान करती है।
  4. बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट: कई बैंक सीनियर सिटीजन के लिए अतिरिक्त ब्याज दर प्रदान करते हैं।

सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स प्लानिंग टिप्स

  1. छूट और कटौतियों का पूरा लाभ उठाएं: सभी उपलब्ध छूट और कटौतियों का लाभ लेकर अपना टैक्स कम करें।
  2. सही निवेश विकल्प चुनें: अपनी आय और जोखिम क्षमता के अनुसार सही निवेश विकल्प चुनें।
  3. टैक्स-फ्री बॉन्ड में निवेश करें: टैक्स-फ्री बॉन्ड से मिलने वाला ब्याज आयकर से मुक्त होता है।
  4. गिफ्टिंग का विकल्प: अपने बच्चों या पोते-पोतियों को गिफ्ट देकर अपनी टैक्सेबल आय कम कर सकते हैं।
  5. नया vs पुराना टैक्स रेजीम: अपनी आय और निवेश पैटर्न के अनुसार सही टैक्स रेजीम चुनें।

सीनियर सिटीजन के लिए डिजिटल टैक्स सेवाएं

आयकर विभाग ने सीनियर सिटीजन के लिए कई डिजिटल सेवाएं शुरू की हैं:

  • ई-फाइलिंग: ऑनलाइन ITR फाइल करने की सुविधा
  • 26AS स्टेटमेंट: ऑनलाइन टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट देखने की सुविधा
  • ई-वेरिफिकेशन: ITR को आधार या नेट बैंकिंग के माध्यम से वेरिफाई करने की सुविधा
  • ई-निवारण: ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने और ट्रैक करने की सुविधा

सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स रिफंड प्रक्रिया

  1. रिफंड की जांच: आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने रिफंड की स्थिति जांच सकते हैं।
  2. बैंक खाता अपडेट: सही और सक्रिय बैंक खाता विवरण अपडेट करें।
  3. ई-वेरिफिकेशन: ITR फाइल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन जरूर करें।
  4. समय सीमा: आमतौर पर रिफंड 20-45 दिनों के भीतर प्रोसेस हो जाता है।

Disclaimer: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे कानूनी या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। आयकर नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले एक योग्य टैक्स सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट से परामर्श लेना सुनिश्चित करें। लेख में दी गई जानकारी लेखन के समय सही थी, लेकिन भविष्य में इसमें बदलाव हो सकता है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक सरकारी स्रोतों या प्रमाणित वित्तीय सलाहकारों से संपर्क करें।

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