DBT ऑन नहीं तो पैसा नहीं, बैंक में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के लिए लगेंगे ये 5 ज़रूरी दस्तावेज – Bank DBT Documents

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है जिसका उद्देश्य विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाले लाभों को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाना है

इस प्रक्रिया में, सरकार बिचौलियों को हटाकर पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाती है, जिससे भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिलती है। यदि आप किसी सरकारी योजना, पेंशन या छात्रवृत्ति का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपके बैंक खाते में डीबीटी (DBT) सक्रिय होना अनिवार्य है

Advertisements

बैंक खाते में डीबीटी (DBT) सक्रिय होने से, योजना के तहत मिलने वाली राशि सीधे आपके खाते में जमा हो जाती है। यह प्रक्रिया न केवल सुरक्षित है, बल्कि यह सुनिश्चित भी करती है कि लाभार्थियों को समय पर और पूरी राशि मिले। इस लेख में, हम जानेंगे कि बैंक में डीबीटी (DBT) कराने के लिए कौन-कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता होती है और इसे कैसे शुरू किया जा सकता है

डीबीटी (DBT): एक नज़र (DBT: An Overview)

पहलूविवरण
योजना का नामडायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (Direct Benefit Transfer – DBT)
शुरुआत तिथि1 जनवरी 2013
उद्देश्यसरकारी सब्सिडी और लाभों को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाना
लक्षित लाभार्थीगरीबी रेखा से नीचे रहने वाले नागरिक
लाभपारदर्शिता में वृद्धि, भ्रष्टाचार में कमी, समय और लागत की बचत, लक्षित वितरण, वित्तीय समावेशन
आवश्यक दस्तावेजआधार कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर, पहचान पत्र, पते का प्रमाण, फोटो
कवर की गई योजनाएंMGNREGA, LPG सब्सिडी, छात्रवृत्ति योजनाएं, किसान सम्मान निधि, वृद्धावस्था पेंशन, जननी सुरक्षा योजना आदि

बैंक में डीबीटी (DBT) कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents Required for Bank DBT)

  1. आधार कार्ड (Aadhaar Card): डीबीटी (DBT) के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है. आपका आधार कार्ड आपके बैंक खाते से लिंक होना चाहिए.
  2. बैंक पासबुक (Bank Passbook): आपके पास एक सक्रिय बैंक खाता होना चाहिए. पासबुक में आपका नाम, खाता संख्या और अन्य विवरण सही ढंग से लिखे होने चाहिए.
  3. मोबाइल नंबर (Mobile Number): आपका मोबाइल नंबर आपके बैंक खाते से रजिस्टर्ड होना चाहिए. यह ओटीपी (OTP) प्राप्त करने और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं प्राप्त करने के लिए आवश्यक है.
  4. पहचान पत्र (Identity Proof): वोटर आईडी (Voter ID) कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) जैसे किसी पहचान पत्र की आवश्यकता हो सकती है.
  5. पते का प्रमाण (Address Proof): राशन कार्ड (Ration Card) या बिजली बिल (Electricity Bill) जैसे पते के प्रमाण की आवश्यकता हो सकती है.
  6. फोटो (Photograph): आपको एक नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो (Passport size photo) की भी आवश्यकता हो सकती है.

बैंक में डीबीटी (DBT) कैसे शुरू करें (How to Enable DBT in Bank)

  1. बैंक शाखा में जाकर (By Visiting the Bank Branch):
    • अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाएं.
    • “डीबीटी (DBT) सक्रियण फॉर्म” या “NPCI मैपिंग फॉर्म” प्राप्त करें.
    • फॉर्म को ध्यान से भरें और आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें.
    • फॉर्म को बैंक काउंटर पर जमा करें.
    • बैंक अधिकारी आपका फिंगर स्कैन (Finger Scan) ले सकते हैं.
    • सत्यापन के बाद, आपका बैंक खाता आधार से लिंक कर दिया जाएगा और डीबीटी (DBT) सक्रिय हो जाएगा.
  2. ऑनलाइन (Online):
    • कुछ बैंक ऑनलाइन डीबीटी (DBT) सक्रियण की सुविधा प्रदान करते हैं.
    • अपने बैंक की वेबसाइट पर जाएं और डीबीटी (DBT) सक्रियण के लिए ऑनलाइन फॉर्म खोजें.
    • फॉर्म को भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें.
    • सत्यापन के बाद, आपका बैंक खाता आधार से लिंक कर दिया जाएगा और डीबीटी (DBT) सक्रिय हो जाएगा.
    • हालांकि, यह सुविधा अभी सिर्फ कुछ प्राइवेट बैंक जैसे HDFC Bank, ICICI Bank, Axis bank में ही उपलब्ध है.
    • ऑनलाइन बैंक खाता डीबीटी से लिंक करने के लिए बस आपको आधार कार्ड नंबर, बैंक खाता नंबर ओटीपी लगता है, जो सत्यापन पूरा करने के लिए जरूरी होता है.

बैंक डीबीटी (Bank DBT) स्टेटस कैसे चेक करें (How to Check Bank DBT Status)

  1. UIDAI (Unique Identification Authority of India) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: https://resident.uidai.gov.in/bank-mapper.
  2. अपना 12 अंकों का आधार नंबर और कैप्चा कोड दर्ज करें.
  3. “Send OTP” बटन पर क्लिक करें.
  4. आपके आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी (OTP) प्राप्त होगा.
  5. ओटीपी (OTP) दर्ज करके अपना आधार वेरीफाई (Verify) करें.
  6. वेरिफिकेशन (Verification) के बाद, बैंक डीबीटी (DBT) स्टेटस आपकी स्क्रीन पर दिखाई देगा.

डीबीटी (DBT) के लाभ (Benefits of DBT)

  • पारदर्शिता (Transparency): डीबीटी (DBT) से सरकारी धन के वितरण में पारदर्शिता बढ़ती है.
  • भ्रष्टाचार में कमी (Reduction in Corruption): बिचौलियों को हटाने से भ्रष्टाचार और धन के दुरुपयोग की संभावना कम होती है.
  • समय और लागत की बचत (Time and Cost Savings): सीधे बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर होने से समय और प्रशासनिक लागत बचती है.
  • लक्षित वितरण (Targeted Distribution): डीबीटी (DBT) सही लाभार्थियों तक पहुंचने में मदद करता है.
  • वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion): इस योजना से लोगों को बैंकिंग सेवाओं से जुड़ने के लिए प्रोत्साहन मिलता है.
  • धोखाधड़ी से बचाव (Protection from Fraud): बैंक डीबीटी (Bank DBT) के सक्रिय होने से सरकारी योजनाओं के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता सीधे आपके बैंक खाते में पहुंच जाती है.
  • आसान प्रक्रिया (Easy Process): आधार कार्ड नंबर देने भर से काम चल जाता है, इसलिए आपको हर जगह बैंक खाता नंबर देने की जरुरत नहीं पड़ती है.

निष्कर्ष (Conclusion)

बैंक में डीबीटी (DBT) कराना एक सरल और महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इसके लिए आपको कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जैसे कि आधार कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर। आप अपने बैंक शाखा में जाकर या ऑनलाइन भी डीबीटी (DBT) सक्रिय कर सकते हैं। डीबीटी (DBT) के माध्यम से, आप सरकारी योजनाओं के लाभों को सीधे और सुरक्षित रूप से प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना पारदर्शिता, दक्षता और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देती है, जिससे लाभार्थियों और सरकार दोनों को लाभ होता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से प्राप्त की गई है और केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह वित्तीय या कानूनी सलाह नहीं है। डीबीटी (DBT) से संबंधित किसी भी निर्णय लेने से पहले, कृपया अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। नियमों और प्रक्रियाओं में बदलाव हो सकता है, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों से जांच करना महत्वपूर्ण है। डीबीटी (DBT) को सक्रिय करने का उद्देश्य सरकारी योजनाओं के लाभों को सही लाभार्थियों तक पहुंचाना है, और यह एक पारदर्शी और सुरक्षित प्रक्रिया है।

Author

Advertisements
Advertisements

Leave a Comment

Join Telegram