भारत में बैंकिंग सेक्टर में 2025 में कई महत्वपूर्ण बदलाव आने वाले हैं। ये बदलाव न केवल ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाएंगे, बल्कि बैंकिंग सुरक्षा और पारदर्शिता को भी बढ़ावा देंगे। इन नए नियमों का उद्देश्य डिजिटल बैंकिंग को प्रोत्साहित करना, धोखाधड़ी को रोकना और वित्तीय लेनदेन को सरल बनाना है। आइए, इन बदलावों पर विस्तार से चर्चा करें।
मुख्य बदलावों का सारांश
नियम/बदलाव | विवरण |
निष्क्रिय खातों की बंदी | निष्क्रिय और शून्य बैलेंस खातों को बंद किया जाएगा। |
एटीएम लेनदेन शुल्क | तीन मुफ्त लेनदेन के बाद शुल्क बढ़ाया गया है। |
बचत खाते की ब्याज दर | ब्याज दर 3% से बढ़ाकर 3.5% कर दी गई है। |
न्यूनतम बैलेंस की सीमा | न्यूनतम बैलेंस की सीमा अलग-अलग बैंकों के लिए बढ़ाई गई है। |
डिजिटल बैंकिंग सेवाएं | ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार किया गया है। |
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) नियम | एनबीएफसी और एचएफसी के लिए नई एफडी गाइडलाइंस लागू। |
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) | UPI ट्रांजेक्शन आईडी में केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर मान्य होंगे। |
निष्क्रिय खातों पर नए नियम
आरबीआई ने निष्क्रिय खातों (डॉर्मेंट अकाउंट्स) और शून्य बैलेंस खातों को बंद करने का निर्णय लिया है। यह कदम खाता सुरक्षा बढ़ाने और धोखाधड़ी रोकने के लिए उठाया गया है।
- प्रभावित अकाउंट्स:
- निष्क्रिय खाते: जिनमें लंबे समय से कोई लेनदेन नहीं हुआ।
- शून्य बैलेंस खाते: जिनमें न्यूनतम बैलेंस नहीं है।
- क्या करें?
- खाता सक्रिय रखने के लिए नियमित लेनदेन करें।
- यदि खाता बंद हो चुका है, तो पुनः सक्रिय करने के लिए शाखा से संपर्क करें।
एटीएम लेनदेन शुल्क में बदलाव
1 फरवरी 2025 से एटीएम से नकद निकासी पर शुल्क बढ़ा दिया गया है:
- मुफ्त लेनदेन: प्रति माह केवल तीन मुफ्त लेनदेन।
- शुल्क:
- अपने बैंक के एटीएम से ₹25 प्रति लेनदेन।
- अन्य बैंकों के एटीएम से ₹30 प्रति लेनदेन।
- दैनिक निकासी सीमा: ₹50,000 तक।
बचत खाते की ब्याज दर और न्यूनतम बैलेंस
ब्याज दरें:
- बचत खाते पर ब्याज दर अब 3.5% होगी (पहले 3%)।
- वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त 0.5% ब्याज मिलेगा।
न्यूनतम बैलेंस:
- एसबीआई: ₹5000 (पहले ₹3000)।
- पीएनबी: ₹3500 (पहले ₹1000)।
- केनरा बैंक: ₹2500 (पहले ₹1000)।
डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार
डिजिटल बैंकिंग को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं:
- नई सेवाएं:
- मोबाइल ऐप्स और इंटरनेट बैंकिंग प्लेटफॉर्म पर अधिक सुविधाएं जोड़ी गई हैं।
- सुरक्षा: मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) अनिवार्य किया गया है।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के नए नियम
आरबीआई ने एनबीएफसी और एचएफसी के लिए नई एफडी गाइडलाइंस जारी की हैं:
- छोटे डिपॉजिट (<₹10,000): तीन महीने के भीतर बिना ब्याज निकासी की अनुमति।
- बड़े डिपॉजिट (>₹10,000): आंशिक निकासी की सीमा तय की गई है।
- गंभीर बीमारी के मामलों में पूर्ण निकासी संभव।
यूपीआई ट्रांजेक्शन में बदलाव
यूपीआई ट्रांजेक्शन आईडी में अब केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर (a-z, 0-9) ही मान्य होंगे। विशेष कैरेक्टर जैसे @, #, $ आदि अब स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
अन्य महत्वपूर्ण बदलाव
टैक्स छूट और टीडीएस सीमा
2025 के बजट में आयकर छूट सीमा ₹12 लाख तक बढ़ाई गई है। टीडीएस सीमा:
- वरिष्ठ नागरिक: ₹1 लाख तक।
- अन्य: ₹50,000 तक।
क्रेडिट डेटा अपडेट
अब क्रेडिट डेटा हर पखवाड़े अपडेट किया जाएगा, जिससे ग्राहकों को तेजी से सेवाएं मिलेंगी।
निष्कर्ष
2025 में लागू हो रहे ये नए नियम भारतीय बैंकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। हालांकि, ग्राहकों को इन परिवर्तनों से जुड़े सभी विवरण समझने और अपने खातों को अद्यतन रखने की आवश्यकता होगी।
Disclaimer: यह लेख आरबीआई द्वारा घोषित आधिकारिक दिशा-निर्देशों पर आधारित है। कृपया अपने संबंधित बैंक या शाखा से संपर्क कर विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।