केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव और अपडेट किए हैं। ये नए नियम और बदलाव 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों पर लागू होंगे। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना और उनके समग्र विकास को बढ़ावा देना है।
CBSE का मानना है कि इन नए नियमों से छात्रों को बेहतर शैक्षणिक माहौल मिलेगा और वे अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग कर पाएंगे। इन नए नियमों में सबसे महत्वपूर्ण हैं – न्यूनतम उपस्थिति की आवश्यकता, कौशल-आधारित प्रश्नों की संख्या में वृद्धि, और आंतरिक मूल्यांकन का बढ़ा हुआ महत्व। इसके अलावा, बोर्ड ने परीक्षा पैटर्न और मूल्यांकन प्रक्रिया में भी कुछ बदलाव किए हैं।
Board Exam 2025 के मुख्य अपडेट
CBSE ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। आइए एक नज़र डालें इन प्रमुख बदलावों पर:
नियम | विवरण |
न्यूनतम उपस्थिति | 75% उपस्थिति अनिवार्य |
कौशल-आधारित प्रश्न | 50% प्रश्न कौशल और क्षमता आधारित |
आंतरिक मूल्यांकन | कुल अंकों का 40% आंतरिक मूल्यांकन पर आधारित |
पाठ्यक्रम में कटौती | पाठ्यक्रम में 15% तक की कटौती |
ओपन बुक परीक्षा | कुछ विषयों में ओपन बुक परीक्षा का प्रावधान |
डिजिटल मूल्यांकन | चुनिंदा विषयों में डिजिटल मूल्यांकन |
दो सत्र परीक्षा | 2026 से दो सत्र परीक्षा प्रणाली लागू |
प्रैक्टिकल परीक्षा | बाहरी परीक्षकों द्वारा प्रैक्टिकल परीक्षा |
न्यूनतम उपस्थिति की आवश्यकता
CBSE बोर्ड ने 2025 की परीक्षाओं के लिए न्यूनतम उपस्थिति का नियम लागू किया है। इस नए नियम के अनुसार:
- छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75% उपस्थिति होनी चाहिए।
- यह नियम 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं के छात्रों पर लागू होगा।
- उपस्थिति की गणना 1 जनवरी 2025 तक की जाएगी।
- विशेष परिस्थितियों में 25% तक की छूट दी जा सकती है।
इस नियम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को नियमित रूप से स्कूल आने और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। नियमित उपस्थिति से छात्रों को न केवल अकादमिक रूप से लाभ होगा, बल्कि उनके समग्र व्यक्तित्व विकास में भी मदद मिलेगी।
कौशल-आधारित प्रश्नों की संख्या में वृद्धि
CBSE ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं में कौशल और क्षमता आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। इस बदलाव के अनुसार:
- 10वीं कक्षा में 50% प्रश्न कौशल-आधारित होंगे
- 12वीं कक्षा में 40% से बढ़ाकर 50% प्रश्न कौशल-आधारित किए जाएंगे
- इन प्रश्नों में बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) और केस स्टडी शामिल होंगे
- प्रश्नों का उद्देश्य रटने की बजाय समझ का मूल्यांकन करना होगा
यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, जिसमें कौशल-आधारित शिक्षा पर जोर दिया गया है।
आंतरिक मूल्यांकन का बढ़ा महत्व
CBSE ने 2025 की बोर्ड परीक्षा में आंतरिक मूल्यांकन को भी अधिक महत्व दिया है। इसके नियम निम्न हैं:
- कुल अंकों का 40% आंतरिक मूल्यांकन पर आधारित होगा।
- शेष 60% अंक अंतिम बोर्ड परीक्षा से प्राप्त होंगे।
- आंतरिक मूल्यांकन में प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और आवधिक परीक्षाएं शामिल होंगी।
- इससे छात्रों के निरंतर और समग्र मूल्यांकन को बढ़ावा मिलेगा।
पाठ्यक्रम में कटौती
CBSE ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम में कटौती की है:
- पाठ्यक्रम में 15% तक की कटौती की गई है।
- इस कटौती का उद्देश्य छात्रों पर अकादमिक दबाव कम करना है।
- कटौती के बावजूद, महत्वपूर्ण विषयों को पाठ्यक्रम में बनाए रखा गया है।
- छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे पूरे पाठ्यक्रम को ध्यान से पढ़ें और किसी भी विषय को नजरअंदाज न करें।
ओपन बुक परीक्षा का प्रावधान
CBSE ने कुछ विषयों में ओपन बुक परीक्षा का प्रावधान किया है:
- यह प्रावधान चुनिंदा विषयों के लिए लागू होगा।
- ओपन बुक परीक्षा में छात्र परीक्षा के दौरान किताबें और नोट्स का उपयोग कर सकते हैं।
- इस प्रकार की परीक्षा का उद्देश्य छात्रों की विश्लेषणात्मक और अनुप्रयोग क्षमताओं का मूल्यांकन करना है।
- ओपन बुक परीक्षा के लिए अलग से तैयारी की आवश्यकता होती है, जिसमें गहन समझ और त्वरित सोच की क्षमता महत्वपूर्ण होती है।
डिजिटल मूल्यांकन की शुरुआत
CBSE ने कुछ विषयों में डिजिटल मूल्यांकन की शुरुआत की है:
- चुनिंदा विषयों में डिजिटल मूल्यांकन किया जाएगा।
- इससे मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी।
- डिजिटल मूल्यांकन से मानवीय त्रुटियों की संभावना कम होगी।
- छात्रों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करने का अनुभव मिलेगा, जो भविष्य के लिए लाभदायक होगा।
दो सत्र परीक्षा प्रणाली
CBSE ने 2026 से दो सत्र परीक्षा प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है:
- यह प्रणाली 2026 से लागू होगी।
- पहला सत्र नवंबर-दिसंबर में और दूसरा सत्र मार्च-अप्रैल में आयोजित किया जाएगा।
- दोनों सत्रों के अंकों को मिलाकर अंतिम परिणाम तैयार किया जाएगा।
- इस प्रणाली से छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम होगा और उन्हें बेहतर प्रदर्शन का मौका मिलेगा।
प्रैक्टिकल परीक्षा में बदलाव
CBSE ने प्रैक्टिकल परीक्षा के संचालन में भी बदलाव किए हैं:
- प्रैक्टिकल परीक्षा बाहरी परीक्षकों द्वारा ली जाएगी।
- इससे मूल्यांकन में निष्पक्षता सुनिश्चित होगी।
- प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
- छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे प्रैक्टिकल के लिए अच्छी तरह से तैयारी करें।
परीक्षा की तारीखें और समय-सारिणी
CBSE ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए तारीखें और समय-सारिणी जारी कर दी है:
- 10वीं कक्षा की परीक्षाएं 15 फरवरी से 18 मार्च 2025 तक होंगी।
- 12वीं कक्षा की परीक्षाएं 15 फरवरी से 4 अप्रैल 2025 तक आयोजित की जाएंगी।
- सभी परीक्षाएं सुबह 10:30 बजे से शुरू होंगी।
- छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे समय-सारिणी के अनुसार अपनी तैयारी करें।
छात्रों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
CBSE बोर्ड परीक्षा 2025 की तैयारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव:
- नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित रहें और 75% उपस्थिति सुनिश्चित करें।
- कौशल-आधारित प्रश्नों की तैयारी पर विशेष ध्यान दें।
- आंतरिक मूल्यांकन के लिए प्रोजेक्ट और असाइनमेंट समय पर पूरे करें।
- संशोधित पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन करें।
- ओपन बुक परीक्षा के लिए विश्लेषणात्मक कौशल विकसित करें।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करने का अभ्यास करें।
- प्रैक्टिकल परीक्षा की अच्छी तैयारी करें।
- समय-सारिणी के अनुसार अपना अध्ययन कार्यक्रम बनाएं।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। हालांकि हमने सटीक जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है, फिर भी CBSE द्वारा नियमों और दिशानिर्देशों में बदलाव किए जा सकते हैं। कृपया नवीनतम और आधिकारिक जानकारी के लिए CBSE की आधिकारिक वेबसाइट देखें। किसी भी विसंगति की स्थिति में, CBSE द्वारा प्रदान की गई जानकारी को अंतिम और बाध्यकारी माना जाएगा।