EPS 95 पेंशन योजना में बड़े बदलाव की उम्मीद लगाए बैठे पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने हाल ही में इस योजना में कुछ महत्वपूर्ण संशोधनों का प्रस्ताव रखा है, जिससे लाखों लोगों को फायदा होने की संभावना है।
Union Budget 2025 में EPF और EPS 95 के तहत वेतन सीमा को ₹15,000 से बढ़ाकर ₹21,000 करने की योजना है। इस बदलाव से पेंशनरों को मिलने वाली मासिक पेंशन में काफी बढ़ोतरी होगी।
वर्तमान में EPS 95 के तहत अधिकतम पेंशन ₹7,500 प्रति माह है, जो नई सीमा लागू होने पर ₹10,050 तक पहुंच सकती है।
साथ ही, पेंशनरों ने न्यूनतम पेंशन ₹7,500 और महंगाई भत्ते (DA) की मांग को लेकर वित्त मंत्री से मुलाकात भी की है। सरकार इन मांगों पर गंभीरता से विचार कर रही है। हालांकि, इन बदलावों को लागू करने में कुछ विलंब हो रहा है, जिसके कारणों पर हम इस लेख में विस्तार से चर्चा करेंगे।
EPS 95 पेंशन योजना: एक परिचय
विवरण | जानकारी |
योजना का नाम | कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) |
शुरुआत वर्ष | 1995 |
संचालन | कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) |
वर्तमान न्यूनतम पेंशन | ₹1,000 प्रति माह |
प्रस्तावित न्यूनतम पेंशन | ₹7,500 प्रति माह |
लाभार्थी | निजी क्षेत्र के कर्मचारी |
पेंशन आरंभ आयु | 58 वर्ष |
कर्मचारी योगदान | मूल वेतन + DA का 12% |
नियोक्ता योगदान | 12% (8.33% EPS, 3.67% EPF) |
EPS 95 पेंशन में प्रस्तावित बदलाव
- वेतन सीमा में वृद्धि: EPF और EPS 95 के तहत वेतन सीमा को ₹15,000 से बढ़ाकर ₹21,000 करने का प्रस्ताव।
- पेंशन राशि में बढ़ोतरी: नई वेतन सीमा लागू होने पर अधिकतम पेंशन ₹7,500 से बढ़कर ₹10,050 तक हो सकती है।
- न्यूनतम पेंशन में वृद्धि: वर्तमान ₹1,000 से बढ़ाकर ₹7,500 प्रति माह करने का प्रस्ताव।
- महंगाई भत्ता (DA): पेंशनभोगियों को नियमित DA देने की योजना।
- मुफ्त चिकित्सा सुविधा: पेंशनभोगियों और उनके जीवनसाथी के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं।
- पेंशन गणना में बदलाव: अंतिम 60 महीनों के औसत वेतन के आधार पर पेंशन की गणना।
EPS 95 पेंशन वृद्धि का प्रभाव
- पेंशन राशि में वृद्धि: नई वेतन सीमा ₹21,000 होने पर, पेंशन की गणना इस फॉर्मूले के आधार पर होगी:
पेंशन = (21,000 × सेवा अवधि) ÷ 70
उदाहरण के लिए, 35 साल की सेवा अवधि के लिए:
पेंशन = (21,000 × 35) ÷ 70 = ₹10,050
यानी, वर्तमान ₹7,500 की तुलना में ₹2,550 अधिक मिलेंगे।
- न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी: वर्तमान ₹1,000 से बढ़कर ₹7,500 प्रति माह होने से कम वेतन वाले कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा।
- नियोक्ता का योगदान बढ़ेगा: वेतन सीमा बढ़ने से नियोक्ता का EPF में योगदान (8.33%) भी बढ़ेगा, जिससे पेंशन फंड मजबूत होगा।
- जीवन स्तर में सुधार: बढ़ी हुई पेंशन राशि से पेंशनभोगियों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।
- स्वास्थ्य सुविधाओं में लाभ: मुफ्त चिकित्सा सुविधा से पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिलेगी।
न्यूनतम पेंशन वृद्धि में विलंब के कारण
- वित्तीय बोझ: न्यूनतम पेंशन को ₹1,000 से बढ़ाकर ₹7,500 करने से सरकार पर बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा। इसके लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- EPFO फंड की स्थिरता: पेंशन में वृद्धि से EPFO फंड पर दबाव बढ़ सकता है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि फंड दीर्घकालिक रूप से स्थिर रहे।
- नीतिगत मुद्दे: पेंशन वृद्धि के लिए कई नीतिगत बदलाव करने होंगे, जिसमें समय लग सकता है।
- तकनीकी चुनौतियां: बड़े पैमाने पर पेंशन वृद्धि के लिए EPFO की तकनीकी प्रणालियों में भी बदलाव करने होंगे।
- कोविड-19 का प्रभाव: महामारी के कारण सरकार की प्राथमिकताएं बदल गई हैं, जिससे पेंशन सुधारों में देरी हो रही है।
EPS 95 पेंशन वृद्धि: लाभार्थियों की मांगें
- न्यूनतम पेंशन ₹7,500: वर्तमान ₹1,000 की जगह न्यूनतम पेंशन ₹7,500 प्रति माह करने की मांग।
- महंगाई भत्ता (DA): नियमित रूप से महंगाई भत्ते की मांग, जो वर्तमान में नहीं दिया जाता।
- पेंशन गणना में बदलाव: अंतिम 12 महीने के बजाय अंतिम 60 महीनों के औसत वेतन के आधार पर पेंशन की गणना।
- मुफ्त चिकित्सा सुविधा: पेंशनभोगियों और उनके परिवार के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं की मांग।
- बोनस: त्योहारों के समय विशेष बोनस की मांग।
निष्कर्ष
EPS 95 पेंशन योजना भारत में कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है, जो उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।
हालांकि, हाल के दिनों में मिनिमम पेंशन वढोतरी और पेंशन अपडेट में हो रही देरी के कारण, पेंशनधारकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को इस मुद्दे पर जल्द से जल्द ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि पेंशनधारकों की समस्याओं का समाधान किया जा सके।
Disclaimer: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। EPS 95 पेंशन अपडेट और मिनिमम पेंशन वढोतरी से संबंधित सभी निर्णय सरकार और EPFO द्वारा लिए जाते हैं। पेंशनधारकों को सरकारी अधिसूचनाओं और आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।