मनोज कुमार, जिन्हें बॉलीवुड में ‘भारत कुमार’ के नाम से जाना जाता है, भारतीय सिनेमा के एक ऐसे सितारे थे जिन्होंने देशभक्ति की भावना को अपनी फिल्मों के माध्यम से जीवंत किया। उनका असली नाम हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी था।
24 जुलाई 1937 को ब्रिटिश भारत के एबटाबाद (अब पाकिस्तान) में जन्मे मनोज कुमार ने अपने जीवन में कई संघर्षों का सामना किया। विभाजन के बाद उनका परिवार दिल्ली आकर बस गया, जहां उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की और फिल्मी दुनिया में कदम रखा।
मनोज कुमार ने अपने करियर में न केवल एक अभिनेता बल्कि निर्देशक, लेखक और संपादक के रूप में भी काम किया। उनकी फिल्मों ने समाज को प्रेरित किया और उन्हें भारतीय सिनेमा में देशभक्ति की परिभाषा बनाने वाला कलाकार बना दिया।
उनकी फिल्में जैसे उपकार, पूरब और पश्चिम, क्रांति और रोटी कपड़ा और मकान आज भी याद की जाती हैं।
Manoj Kumar Biography
विवरण | जानकारी |
पूरा नाम | हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी |
जन्म तिथि | 24 जुलाई 1937 |
जन्म स्थान | एबटाबाद, ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान) |
मृत्यु तिथि | 4 अप्रैल 2025 |
उपनाम | भारत कुमार |
पेशा | अभिनेता, निर्देशक, लेखक |
सक्रिय वर्ष | 1957–1999 |
सम्मान | पद्म श्री (1992), दादा साहब फाल्के पुरस्कार (2015) |
बचपन और प्रारंभिक जीवन
मनोज कुमार का जन्म एक पंजाबी हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था। जब वह केवल दस वर्ष के थे, तब भारत-पाकिस्तान विभाजन के कारण उनका परिवार दिल्ली आकर बस गया।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से स्नातक किया। दिलीप कुमार की फिल्म शबनम देखने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर मनोज कुमार रख लिया और फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा।
फिल्मी करियर की शुरुआत
मनोज कुमार ने अपने करियर की शुरुआत 1957 में फिल्म फैशन से की। इसके बाद उन्होंने कई छोटी भूमिकाएं निभाईं। उनकी पहली बड़ी सफलता फिल्म कांच की गुड़िया (1961) से मिली, जिसमें उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई।
इसके बाद उन्होंने हरियाली और रास्ता (1962), वो कौन थी? (1964), और हिमालय की गोद में (1965) जैसी सफल फिल्मों में काम किया।
देशभक्ति फिल्मों का दौर
मनोज कुमार ने अपनी फिल्मों में देशभक्ति को प्रमुखता दी। उनकी फिल्म उपकार (1967) ने उन्हें ‘भारत कुमार’ का उपनाम दिलाया। इस फिल्म में उन्होंने किसान और सैनिक दोनों का किरदार निभाया।
इसके अलावा, पूरब और पश्चिम (1970), रोटी कपड़ा और मकान (1974), और क्रांति (1981) जैसी फिल्मों ने उन्हें भारतीय सिनेमा का प्रतीक बना दिया।
प्रमुख फिल्में
- हरियाली और रास्ता (1962)
- वो कौन थी? (1964)
- उपकार (1967)
- पूरब और पश्चिम (1970)
- रोटी कपड़ा और मकान (1974)
- क्रांति (1981)
निर्देशन और लेखन
मनोज कुमार न केवल एक अभिनेता थे बल्कि एक सफल निर्देशक भी थे। उन्होंने उपकार, शोर, रोटी कपड़ा और मकान, और क्रांति जैसी फिल्मों का निर्देशन किया। इन फिल्मों ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल की बल्कि समाज को जागरूक करने का काम भी किया।
पुरस्कार और सम्मान
- पद्म श्री: 1992 में भारत सरकार द्वारा सम्मानित।
- दादा साहब फाल्के पुरस्कार: 2015 में भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान।
- फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड: 1999।
व्यक्तिगत जीवन
मनोज कुमार का विवाह शशि गोस्वामी से हुआ था। उनके दो बच्चे हैं, जिनमें से एक बेटा कुणाल गोस्वामी भी फिल्मों में सक्रिय रहा है। उनका परिवार हमेशा उनके साथ खड़ा रहा, चाहे वह संघर्ष का दौर हो या सफलता का।
निधन
4 अप्रैल 2025 को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में मनोज कुमार ने अंतिम सांस ली। उनकी मृत्यु से भारतीय सिनेमा ने एक महान कलाकार को खो दिया।
निष्कर्ष
मनोज कुमार भारतीय सिनेमा के ऐसे सितारे थे जिन्होंने न केवल मनोरंजन किया बल्कि समाज को प्रेरित भी किया। उनकी देशभक्ति से भरपूर फिल्मों ने करोड़ों लोगों के दिलों को छुआ। वह हमेशा याद किए जाएंगे।
Disclaimer: यह लेख मनोज कुमार की वास्तविक जीवनी पर आधारित है। उनके जीवन के हर पहलू को प्रमाणित स्रोतों से लिया गया है।