भारतीय रेलवे के 19 जोन: कौन सा जोन सबसे बड़ा? कौन सबसे कमाई वाला? जानें Railway Zones of India की पूरी डिटेल

भारतीय रेलवे भारत की जीवन रेखा है। यह देश के कोने-कोने को जोड़ती है और लाखों लोगों को प्रतिदिन यात्रा करने में मदद करती है। भारतीय रेलवे को सुचारू रूप से चलाने के लिए, इसे विभिन्न जोन में विभाजित किया गया है।

ये जोन प्रशासन और संचालन को आसान बनाते हैं। प्रत्येक जोन का अपना मुख्यालय होता है और यह आगे डिवीजनों में विभाजित होता है। इस लेख में, हम भारत के रेलवे जोन के बारे में विस्तार से जानेंगे। हम प्रत्येक जोन के मुख्यालय, उसके अंतर्गत आने वाले डिवीजनों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों पर चर्चा करेंगे

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भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है। यह न केवल यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में मदद करता है, बल्कि माल ढुलाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रेलवे जोन का विभाजन भारतीय रेलवे की दक्षता और प्रबंधन को बेहतर बनाने में मदद करता है।

प्रत्येक जोन अपने क्षेत्र में रेलवे सेवाओं के विकास और सुधार के लिए जिम्मेदार होता है। इससे रेलवे का संचालन अधिक प्रभावी और सुव्यवस्थित होता है।

इस लेख में, हम भारत के सभी 19 रेलवे जोन को कवर करेंगे, जिसमें मेट्रो रेलवे, कोलकाता भी शामिल है। हम उनके मुख्यालयों, डिवीजनों और महत्वपूर्ण तथ्यों को जानेंगे। यह जानकारी उन सभी लोगों के लिए उपयोगी होगी जो भारतीय रेलवे के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, चाहे वे छात्र हों, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हों, या सिर्फ उत्सुक नागरिक हों।

भारत के रेलवे जोन: एक अवलोकन

विशेषताएँविवरण
कुल रेलवे जोन19 (कोलकाता मेट्रो सहित)
डिवीजनों की कुल संख्या70
प्रबंधन संरचनाप्रत्येक जोन का नेतृत्व महाप्रबंधक (जीएम) करता है, और प्रत्येक डिवीजन का नेतृत्व डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) करता है. डीआरएम जीएम को रिपोर्ट करता है.
उद्देश्यप्रशासन और संचालन को सुचारू बनाना.
भूमिकायात्रियों और माल का परिवहन, रेलवे सेवाओं का विकास और सुधार.

भारत के सभी रेलवे जोन की सूची

  1. मध्य रेलवे: मुंबई टर्मिनस
  2. उत्तर रेलवे: दिल्ली
  3. पूर्वोत्तर रेलवे: गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
  4. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे: मालेगांव
  5. पूर्व रेलवे: कोलकाता
  6. दक्षिण पूर्व रेलवे: गार्डन रीच, कोलकाता
  7. दक्षिण मध्य रेलवे: सिकंदराबाद
  8. दक्षिण रेलवे: चेन्नई सेंट्रल
  9. पश्चिम रेलवे: मुंबई (चर्चगेट)
  10. दक्षिण पश्चिम रेलवे: हुबली (कर्नाटक)
  11. उत्तर पश्चिम रेलवे: जयपुर (राजस्थान)
  12. पश्चिम मध्य रेलवे: जबलपुर (म.प्र.)
  13. उत्तर मध्य रेलवे: इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)
  14. दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे: बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
  15. पूर्व तटीय रेलवे: भुवनेश्वर (उड़ीसा)
  16. पूर्व-मध्य रेलवे: हाजीपुर (बिहार)
  17. मेट्रो रेल: पार्क स्ट्रीट, कोलकाता
  18. दक्षिण तटीय रेलवे: विशाखापट्टनम
  19. कोंकण रेलवे: मुंबई

रेलवे जोन और उनके डिवीजन

प्रत्येक रेलवे जोन को आगे डिवीजनों में विभाजित किया गया है। इन डिवीजनों का नेतृत्व एक डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) करता है, जो जोन के महाप्रबंधक (जीएम) को रिपोर्ट करता है. यहां कुछ प्रमुख रेलवे जोन और उनके डिवीजनों की सूची दी गई है:

  • मध्य रेलवे: मुंबई (सीएसटी), भुसावल, नागपुर, पुणे
  • पश्चिम रेलवे: मुंबई (सेंट्रल), वडोदरा, रतलाम, अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर
  • उत्तर रेलवे: अंबाला, दिल्ली, लखनऊ, मुरादाबाद, फिरोजपुर
  • पूर्व रेलवे: आसनसोल, हावड़ा, मालदा, सियालदह
  • दक्षिण रेलवे: चेन्नई, मदुरै, पालघाट, त्रिची, त्रिवेंद्रम, सलेम
  • पूर्व मध्य रेलवे: दानापुर, धनबाद, मुगलसराय, समस्तीपुर, सोनपुर
  • पूर्व तट रेलवे: खुर्दा रोड, संबलपुर, वालटायर
  • उत्तर मध्य रेलवे: इलाहाबाद, आगरा, झांसी
  • पूर्वोत्तर रेलवे: लखनऊ, इज्जतनगर, वाराणसी
  • पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे: कटिहार, अलीपुरदुआर, रंगिया, लुमडिंग, तिंसुकिया
  • उत्तर पश्चिम रेलवे: अजमेर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर
  • दक्षिण मध्य रेलवे: हैदराबाद, नांदेड़, सिकंदराबाद
  • दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे: बिलासपुर, नागपुर, रायपुर
  • दक्षिण पूर्व रेलवे: आद्रा, चक्रधरपुर, खड़गपुर, रांची
  • दक्षिण पश्चिम रेलवे: बैंगलोर, हुबली, मैसूर
  • पश्चिम मध्य रेलवे: भोपाल, जबलपुर

सबसे बड़ा और सबसे छोटा रेलवे जोन

  • सबसे बड़ा रेलवे जोन: उत्तर रेलवे
  • सबसे छोटा रेलवे जोन: पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे

रेलवे जोन का इतिहास

भारतीय रेलवे की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को हुई थी, जब पहली यात्री ट्रेन मुंबई (बोरी बंदर) से ठाणे के बीच चली थी। इसके बाद, रेलवे नेटवर्क का विस्तार होता गया और इसे विभिन्न जोन में विभाजित करने की आवश्यकता महसूस हुई।

  • 1951 में, दक्षिण, मध्य और पश्चिम रेलवे जोन की स्थापना हुई.
  • 1952 में, उत्तर और पूर्व रेलवे जोन अस्तित्व में आए.
  • 2003 में, कई नए रेलवे जोन बनाए गए, जिससे कुल संख्या 16 हो गई.
  • 2010 में, कोलकाता मेट्रो को 17वें रेलवे जोन के रूप में मान्यता मिली.
  • 2019 में, दक्षिण तटीय रेलवे को 18वें जोन के रूप में स्थापित किया गया.

Railway Zones का महत्व

  • प्रशासनिक दक्षता में सुधार
  • संसाधनों का बेहतर प्रबंधन
  • स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार सेवाओं का अनुकूलन
  • निगरानी और नियंत्रण में आसानी
  • रेलवे सेवाओं का विकास और विस्तार

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्र की गई है और यह परिवर्तन के अधीन है। रेलवे जोन और उनके डिवीजनों की संख्या समय-समय पर बदल सकती है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।

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