यूपी में आयकर विभाग की सबसे बड़ी रेड, 47 ठिकानों पर छापा, मिला इतना कैश कि नोट गिनने में छूटे पसीने – UP Income Tax Raid

आयकर विभाग ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के 47 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें कानपुर के पान मसाला कारोबारी एसएनके समूह के ठिकाने शामिल थे। यह कार्रवाई 12 फरवरी, 2025 को शुरू हुई और इसके पीछे मुख्य कारण टैक्स चोरी और वित्तीय अनियमितताएँ थीं।

आयकर अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि इन ठिकानों पर अरबों की संपत्ति और बोगस कंपनियों से जुड़ी गतिविधियाँ हो रही थीं। इस छापेमारी में अधिकारियों को भारी मात्रा में नगद और अन्य वित्तीय दस्तावेज मिले हैं, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।

Advertisements

इस छापेमारी में एसएनके समूह के मालिक नवीन कुरेले के आवास, फैक्ट्रियों और ऑफिसों पर कार्रवाई की गई। इसके अलावा, बरेली, कन्नौज और अन्य स्थानों पर भी छापे मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई में 100 से अधिक टीमें शामिल थीं, जो लगातार जांच कर रही थीं। इस लेख में हम इस छापेमारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।

आयकर विभाग की छापेमारी का विवरण

आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश में कुल 47 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य टैक्स चोरी की जांच करना था। नीचे दी गई तालिका में इस छापेमारी का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया है:

स्थानकारोबारमालिकमुख्य गतिविधियाँपाई गई राशिविशेष जानकारी
कानपुरपान मसाला (एसएनके)नवीन कुरेलेटैक्स चोरीकरोड़ों रुपयेबोगस कंपनियों का संदेह
बरेलीगुटखा कारोबारअमित भारद्वाजवित्तीय अनियमितताएँभारी नगदव्यापार मंडल के नेता
कन्नौजइत्र (चंद्रबली एंड संस)दीक्षित परिवारदस्तावेज़ जांचप्लास्टिक की बोरियाँनोट गिनने की मशीन मंगाई गई
मेरठशिक्षा (न्यू दिल्ली स्कूल)महेंद्र सैनीसंपत्ति की जांचज्ञात नहींपुलिस बल तैनात
फर्रुखाबादपरिवहनअज्ञातवित्तीय गड़बड़ियाँज्ञात नहींकई ठिकानों पर छापा
कन्नौजकोल्ड स्टोरेजदीक्षित परिवारदस्तावेज़ जांचज्ञात नहीं24 घंटे से चल रही कार्रवाई

छापेमारी का कारण

  • टैक्स चोरी: अधिकारियों को सूचना मिली थी कि एसएनके समूह और अन्य कारोबारियों द्वारा टैक्स चोरी की जा रही थी।
  • बोगस कंपनियाँ: कई कंपनियाँ जो वास्तविकता में काम नहीं कर रही थीं, उनके दस्तावेज भी जांचे गए।
  • भारी नगद: छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नगद बरामद किया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वित्तीय अनियमितताएँ हो सकती हैं।

कार्रवाई का प्रभाव

इस छापेमारी ने कई व्यापारियों और उद्योगपतियों में हड़कंप मचा दिया है। व्यापारियों के संगठनों ने इसे अनुचित बताया है और कुछ ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम भी कहा है। हालांकि, आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी और आवश्यक थी

आगे की योजना

  • दस्तावेजों की समीक्षा: सभी बरामद दस्तावेजों की गहन समीक्षा की जाएगी।
  • अन्य स्थानों पर जांच: यदि आवश्यक हुआ तो अन्य स्थानों पर भी छापे मारे जा सकते हैं।
  • कानूनी कार्रवाई: यदि किसी भी व्यक्ति या कंपनी पर आरोप सिद्ध होते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष

यह आयकर विभाग की छापेमारी न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार टैक्स चोरी और वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। व्यापारी वर्ग को अब यह समझना होगा कि ऐसी गतिविधियों का परिणाम गंभीर हो सकता है।

Disclaimer: यह रिपोर्ट वास्तविक घटनाओं पर आधारित है और इसमें दिए गए तथ्यों का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है। किसी भी व्यक्ति या संस्था को दोषी ठहराने से पहले उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।

Author

Advertisements
Advertisements

Leave a Comment

Join Telegram