प्लॉट खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जिसमें कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। प्लॉट का साइज और आकार न केवल उसकी उपयोगिता को प्रभावित करता है, बल्कि वास्तु शास्त्र के अनुसार भी इसका महत्व है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, प्लॉट का आकार और दिशा आपके जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता को प्रभावित कर सकते हैं।
प्लॉट खरीदते समय, आपको इसके आकार, दिशा, जमीन की ऊंचाई, आसपास के वातावरण, और सड़कों की स्थिति पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ये सभी कारक मिलकर आपके प्लॉट की उपयोगिता और वास्तु को प्रभावित करते हैं। इस लेख में, हम प्लॉट के साइज और आकार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और वास्तु शास्त्र के अनुसार कौन से प्लॉट सबसे अच्छे होते हैं।
प्लॉट खरीदने का निर्णय लेते समय, आपको यह तय करना होता है कि आपको किस उद्देश्य से प्लॉट चाहिए। क्या आप इसे आवासीय उद्देश्यों के लिए खरीद रहे हैं या व्यावसायिक? दोनों ही मामलों में, प्लॉट का आकार और दिशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्लॉट के आकार और उनके प्रभाव
प्लॉट का आकार | वास्तु प्रभाव |
वर्गाकार | पूर्णता और संतुलन का प्रतीक, शुभ माना जाता है। |
आयताकार | आवासीय और व्यावसायिक दोनों उद्देश्यों के लिए उपयुक्त। |
गोमुखी | घर बनाने के लिए शुभ, गाय का प्रतिनिधित्व करता है। |
सिंह मुखी | व्यावसायिक भवनों के लिए उपयुक्त। |
त्रिकोणीय | समस्याओं को बढ़ावा देता है, अशुभ माना जाता है। |
अंडाकार/अर्धवृत्ताकार | स्वास्थ्य समस्याओं और अशुभता का कारण बनता है। |
गोल | केवल गोलाकार इमारतों के लिए उपयुक्त। |
पॉलीगन | जीवन में परेशानियों को बढ़ावा देता है। |
प्लॉट का साइज और वास्तु
प्लॉट का साइज भी वास्तु के अनुसार महत्वपूर्ण होता है। आयताकार प्लॉट के लिए लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 1:2 या उससे कम होना चाहिए। इससे प्लॉट की उपयोगिता और वास्तु दोनों में सुधार होता है। वर्गाकार प्लॉट में कोई अधूरा कोना नहीं होता, जो इसे वास्तु के अनुसार शुभ बनाता है।
प्लॉट के साइज के लिए वास्तु टिप्स
- उत्तर-पूर्व या पूर्व मुखी प्लॉट: इन दिशाओं में प्लॉट का मुख होना शुभ माना जाता है। यह दिशाएं समृद्धि और सफलता को बढ़ावा देती हैं।
- उत्तर या दक्षिण ढलान: प्लॉट की जमीन का उत्तर या दक्षिण में ढलान होना अच्छा माना जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद मिलती है।
- जमीन की ऊंचाई: दक्षिण और पश्चिम में जमीन का स्तर उत्तर और पूर्व की तुलना में अधिक होना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
प्लॉट के आसपास का वातावरण
प्लॉट के आसपास का वातावरण भी वास्तु के अनुसार महत्वपूर्ण होता है। प्लॉट के आसपास सड़कें होना अच्छा माना जाता है, लेकिन दक्षिण दिशा में सड़क नहीं होनी चाहिए। पश्चिम, पूर्व और उत्तर दिशाओं में सड़कें होना शुभ होता है। इसके अलावा, प्लॉट के आसपास कब्रिस्तान या श्मशान नहीं होना चाहिए, क्योंकि वे नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।
प्लॉट के आसपास के वातावरण के लिए वास्तु टिप्स
- सड़कों की स्थिति: प्लॉट के तीन ओर सड़कें होना शुभ होता है, लेकिन दक्षिण दिशा में सड़क नहीं होनी चाहिए।
- आसपास की जगह: प्लॉट के आसपास की जगह साफ-सुथरी और हरी-भरी होनी चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- प्राकृतिक तत्व: प्लॉट के आसपास प्राकृतिक तत्व जैसे पेड़-पौधे और जल स्रोत होना अच्छा माना जाता है। वे घर में शांति और संतुलन लाते हैं।
प्लॉट का चयन करते समय ध्यान देने योग्य बातें
प्लॉट का चयन करते समय कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें दी गई हैं:
प्लॉट के आकार और दिशा का महत्व
- वर्गाकार और आयताकार प्लॉट: ये प्लॉट वास्तु के अनुसार सबसे अच्छे माने जाते हैं।
- उत्तर-पूर्व या पूर्व मुखी प्लॉट: इन दिशाओं में प्लॉट का मुख होना शुभ माना जाता है।
प्लॉट की जमीन की ऊंचाई
- दक्षिण और पश्चिम में ऊंचाई: दक्षिण और पश्चिम में जमीन का स्तर उत्तर और पूर्व की तुलना में अधिक होना चाहिए।
- उत्तर-पूर्व कोने में निचला स्तर: यह स्थान सबसे निचला होना चाहिए, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
प्लॉट के आसपास का वातावरण
- सड़कों की स्थिति: प्लॉट के तीन ओर सड़कें होना शुभ होता है, लेकिन दक्षिण दिशा में सड़क नहीं होनी चाहिए।
- आसपास की जगह: प्लॉट के आसपास की जगह साफ-सुथरी और हरी-भरी होनी चाहिए।
अनियमित आकार वाले प्लॉट्स के लिए वास्तु उपचार
अगर आपका प्लॉट अनियमित आकार का है, तो कुछ वास्तु उपचारों का पालन करना आवश्यक होता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण उपचार दिए गए हैं:
- प्लॉट को समतल करना: अनियमित आकार के प्लॉट को समतल करने से नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सकता है।
- उत्तर-पूर्वी कोने की मिट्टी का उपयोग: अगर उत्तर-पूर्वी कोना अन्य पक्षों से ऊंचा है, तो उस कोने की मिट्टी का उपयोग दक्षिण और पश्चिम भागों को भरने के लिए किया जा सकता है।
निष्कर्ष और विविधता
प्लॉट का साइज और आकार वास्तु शास्त्र के अनुसार बहुत महत्वपूर्ण होता है। वर्गाकार और आयताकार प्लॉट सबसे अच्छे माने जाते हैं क्योंकि वे पूर्णता और संतुलन का प्रतीक होते हैं। प्लॉट की दिशा और जमीन की ऊंचाई भी वास्तु के अनुसार महत्वपूर्ण होती है। दक्षिण और पश्चिम में जमीन का स्तर उत्तर और पूर्व की तुलना में अधिक होना चाहिए। प्लॉट के आसपास का वातावरण भी महत्वपूर्ण होता है, जिसमें सड़कों की स्थिति और आसपास की जगह का ध्यान रखना आवश्यक होता है।
Disclaimer : यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है और वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों पर आधारित है। वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करने से पहले किसी वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श करना उचित होता है। प्लॉट खरीदने का निर्णय लेते समय आपको अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं और स्थिति के अनुसार निर्णय लेना चाहिए।